हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के प्रमुख अब्दुल्ला नासिर ने कहा,आज़ादी का एक रास्ता डटके दुश्मन से मुकाबला करना, की जिसकी बुनियाद रखने वाले इमाम खुमैनी (अ.र.) थे
क्योंकि सूदखोर सरकार की मान्यता और शांति और सुलह के मुद्दे सहित इसके साथ संबंधों के सामान्यीकरण का कोई परिणाम नहीं निकला है और एकता नहीं है। फ़िलिस्तीनी लोग फ़िलिस्तीनी लोगों के मूल अधिकार उन्हें नहीं दिए गए थे लेकिन उनके सभी अधिकार उनसे छीन लिए गए थे।
उन्होंने कहा कि पिछले 70 वर्षों के दौरान फिलिस्तीनी राष्ट्र इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि ज़ायोनी दुश्मनों के साथ प्रतिरोध और टकराव के माध्यम से ही पवित्र कुद्स और फिलिस्तीन सहित कब्जे वाले क्षेत्रों को मुक्त किया जा सकता है।
अब्दुल्ला नासिर ने कहा कि इज़राइल एक कमजोर समाज बन गया है, इसमें अब सहन करने की क्षमता नहीं है और खुद से पूछ रहा है कि प्रतिरोध और प्रतिरोध जैसी महान शक्तियों से कैसे निपटा जाए। शक्ति गाजा की शक्ति से कई गुना अधिक है और वह है फ़िलिस्तीन को आज़ाद करने और कब्जे वाले ज़ायोनीवादियों का सफाया करने के लिए प्रतिरोध ही एकमात्र रास्ता क्या है?